स्वतंत्रता दिवस पर PM मोदी की 2 घोषणाएं: आज से 3.5 करोड़ रोजगार के लिए नई योजना; दीवाली पर GST रिफॉर्म से आम लोगों का टैक्स घटेगा

नई दिल्ली5 मिनट पहले

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पीएम बोले- हमने GST का रिफॉर्म किया, टैक्सेशन को सरल किया। 8 साल बाद इसका रिव्यू शुरू किया। अब नेक्स्ट जेनरेशन GST रिफॉर्म्स लेकर आ रहे हैं।

स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पीएम मोदी ने लाल किले से 2 घोषणाएं की हैं। पीएम ने प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना लॉन्च की है। साथ ही दीवाली तक टैक्स कम करने वाली GST रिफॉर्म्स स्कीम लाने की बात कही।

पीएम मोदी ने कहा- ‘आज मैं भी आपके लिए खुशखबरी लेकर आया हूं। 15 अगस्त के दिन मेरे देश के युवाओं के लिए 1 लाख करोड़ रुपए की प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना शुरू कर रहे हैं। इससे साढ़े तीन करोड़ नौजवानों को रोजगार मिलेगा।’

मोदी ने संबोधन में कहा- दीवाली में बड़ा तोहफा मिलने वाला है। GST का रिफॉर्म किया, टैक्सेशन को सरल किया। 8 साल बाद इसका रिव्यू शुरू किया। हम नेक्स्ट जेनरेशन GST रिफॉर्म्स लेकर आ रहे हैं। सामान्य लोगों के लिए टैक्स कम कर देंगे, रोजमर्रा की चीजें सस्ती हो जाएगी, लोगों को बहुत फायदा होगा।

12% GST वाले आइटम 5% वाले स्लैब में आ सकते हैं

एक महीने पहले खबर आई थी कि टूथपेस्ट, बर्तन, कपड़े, जूते जैसे आम आदमी के इस्तेमाल में आने वाले आइटम्स की कीमतों में कमी आ सकती है। क्योंकि सरकार मिडिल-क्लास और लोअर-इनकम फैमिली को गुड्स एंड सर्विस टैक्स यानी GST में कटौती कर राहत देने की तैयारी कर रही है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार 12% GST स्लैब को पूरी तरह से खत्म करने या वर्तमान में 12% टैक्स वाले आइटम्स को 5% स्लैब में ला सकती है। सूत्रों के अनुसार, इस रिस्ट्रक्चरिंग यानी बदलाव में मिडिल-क्लास और इकोनॉमिकली वीकर सेक्शन के यूज में आने वाले आइटम्स शामिल होंगे।

2017 में लागू हुआ था GST

सरकार ने 1 जुलाई 2017 को देशभर में GST लागू किया था। इसके बाद केंद्र और राज्य सरकारों के 17 करों और 13 उपकरों को हटा दिया गया था। GST के 7 साल पूरे होने पर वित्त मंत्रालय ने पिछले सात वर्षों के दौरान हासिल की गई उपलब्धियों को लेकर पोस्ट किया।

GST एक इनडायरेक्ट टैक्स है। इसे कई तरह के इनडायरेक्ट टैक्स जैसे VAT, सर्विस टैक्स, परचेज टैक्स, एक्साइज ड्यूटी को रिप्लेस करने के लिए 2017 में लागू किया गया था। GST में 5, 12, 18 और 28% के चार स्लैब हैं।

GST को चार हिस्सों में डिवाइड किया गया है:

  • CGST (केंद्रीय जीएसटी): केंद्र सरकार द्वारा एकत्र किया जाता है।
  • SGST (राज्य जीएसटी): राज्य सरकारों द्वारा एकत्र किया जाता है।
  • IGST (एकीकृत जीएसटी): अंतरराज्यीय लेनदेन और आयात पर लागू, केंद्र और राज्य सरकारों के बीच विभाजित।
  • उपकर: स्पेसिफिक पर्पज के लिए फंड जुटाने के लिए स्पेसिफिक गुड्स (जैसे, लग्जरी आइटम्स, तंबाकू) पर लगाया जाने वाला अतिरिक्त शुल्क।

इकोनॉमी की हेल्थ दिखाता है GST कलेक्शन

जीएसटी कलेक्शन इकोनॉमिक हेल्थ का एक महत्वपूर्ण संकेतक है। हायर कलेक्शन मजबूत उपभोक्ता खर्च, औद्योगिक गतिविधि और प्रभावी कर अनुपालन का संकेत देते हैं।

अप्रैल महीने में बिजनेसेज अक्सर मार्च से वर्ष के अंत के लेन-देन को क्लियर करते हैं, जिससे टैक्स फाइलिंग्स और कलेक्शन्स में वृद्धि होती है। KPMG के नेशनल हेड अभिषेक जैन ने कहा कि अब तक का हाईएस्ट GST कलेक्शन मजबूत घरेलू अर्थव्यवस्था को दर्शाता है।

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जुलाई में ₹1.96 लाख करोड़ का GST कलेक्शन: पिछले साल की तुलना में 7.5% बढ़ा; जून में GST से ₹1.85 लाख करोड़ जुटाए थे

सरकार ने जुलाई 2025 में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) से 1.96 लाख करोड़ रुपए जुटाए हैं। सालाना आधार पर इसमें 7.5% की बढ़ोतरी हुई है। शुक्रवार 1 अगस्त को जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, एक साल पहले यानी जुलाई 2024 में सरकार ने 1.82 लाख करोड़ रुपए GST कलेक्ट किया था।

इस साल जून के मुकाबले जुलाई का कलेक्शन 11 हजार करोड़ रुपए बढ़ा है। जून में 1.85 लाख करोड़ रुपए GST वसूला गया था। इससे पहले अप्रैल 2025 में रिकॉर्ड 2.37 लाख करोड़ रुपए और मई में 2.01 लाख करोड़ रुपए GST के रूप में जुटाए गए थे।

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