14 वर्षीय प्रणामिका जैन ने अपनी पुस्तक “ऐशेज़ बिनीथ माई एंकलेट्स” के माध्यम से अपने दिवंगत पिता को श्रद्धांजलि दी है। यह पुस्तक उनके हृदय का एक हिस्सा है जो पिता की यादों से जुड़ा है।
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प्रणामिका ने मात्र 3 वर्ष की आयु से पौधे लगाना शुरू किया था। अब 14 वर्ष की उम्र में वह 100 से अधिक पौधे लगा चुकी हैं। उन्होंने एसपी ऑफिस, कलेक्टर कार्यालय, अस्पताल और निराश्रित महिला आश्रय गृह जैसे विभिन्न स्थानों पर पौधरोपण किया है।
कलेक्टर अदिति गर्ग ने प्रणामिका के प्रयासों और उनके कविता संग्रह की सराहना की है। उन्होंने प्रणामिका को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं।
प्रणामिका का पर्यावरण संरक्षण और समाज सेवा के क्षेत्र में भी योगदान है।
संग्रह में मार्मिक कविताएं शामिल प्रणामिका की कविताएं उनके व्यक्तिगत अनुभवों से प्रेरित हैं। उन्होंने बताया कि लेखन उनके लिए दर्द के साथ बैठने और भूलने की बजाय याद करने का माध्यम बन गया है। उनकी पुस्तक में “छोटी सी”, “आग से पैदा हुई”, “जब स्पॉटलाइट ने मेरा नाम पुकारा” जैसी कई मार्मिक कविताएं शामिल हैं। इसके अलावा “वह केवल छह वर्ष की थी”, “एक आखिरी बार”, “13 मार्च” जैसे शीर्षक भी हैं।
कोविड काल के दौरान प्रणामिका ने अपनी पॉकेट मनी से बेसहारा लोगों को भोजन उपलब्ध कराया। साथ ही उन्होंने अनाथ बच्चों की काउंसलिंग में भी सहयोग किया। वह निराश्रित महिला आश्रय गृह एवं पुनर्वास केन्द्र में भी अपना सहयोग प्रदान करती हैं।
कलेक्टर ने कोशिशों को सराहा प्रणामिका अपना जन्मदिन भी अनाथ बच्चों और आश्रय गृह में रहने वाली निराश्रित महिलाओं के साथ मनाती हैं। वर्ष 2016 में उन्होंने दिल्ली में मॉडलिंग भी की थी। वहां सबसे छोटी मॉडल बनकर प्रथम पुरस्कार भी प्राप्त किया था।
कलेक्टर अदिति गर्ग को प्रणामिका जैन ने अपनी पुस्तक भेंट की। कलेक्टर ने कहा कि प्रणामिका का संघर्ष अन्य लोगों के लिए प्रेरणादाई है। इस युवा प्रतिभा ने अपनी लेखनी के माध्यम से दुःख में अपनी आवाज पाई है।
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