फिजिकल हेल्थ- कैसे जानें शरीर स्वस्थ है या नहीं: ये 11 हेल्थ मार्कर्स चेक करें, शुगर, बीपी, विटामिन D समेत रेगुलर कराएं ये टेस्ट

8 दिन पहलेलेखक: गौरव तिवारी

  • कॉपी लिंक

कम उम्र में अचानक मौत के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। अक्सर वीडियो वायरल होते हैं कि कोई क्रिकेट खेल रहा है, डांस कर रहा है और गिरकर अचानक मौत हो गई। सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि इनमें से ज्यादातर लोग बेहद फिट थे। वे एकदम चुस्त-दुरुस्त दिखते थे। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर ये कैसे पता लगेगा कि कोई कितना स्वस्थ है। फिटनेस का पैमाना क्या होना चाहिए।

सेहतमंद रहने के लिए हमें अपने शरीर के कुछ जरूरी संकेतों पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। हम अक्सर सोचते हैं कि अगर वजन ठीक है, तो सबकुछ ठीक है। हालांकि, पूरी सेहत का अंदाजा ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर कोलेस्ट्रॉल और दिल की धड़कन जैसे कई मार्कर्स से लगाया जाता है।

समय-समय पर इन मार्कर्स की जांच करवाते रहें, तो न सिर्फ बीमारी से बच सकते हैं, बल्कि लंबे समय तक फिट और खुश भी रह सकते हैं। इसे ऐसे समझिए कि अगर आप चाहते हैं कि आपकी गाड़ी स्मूदली चलती रहे तो इसकी सर्विस करवाना जरूरी होता है। इसी तरह अपने शरीर की देखभाल भी जरूरी है।

इसलिए ‘फिजिकल हेल्थ’ में आज 11 जरूरी हेल्थ मार्कर्स की बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि-

  • स्वस्थ्य व्यक्ति का बीपी और शुगर लेवल कितना होता है?
  • एक मिनट में कितने बार दिल धड़कना चाहिए?
  • अगर हमारे शरीर के नंबर इनसे मैच नहीं कर रहे तो क्या करें?

1. ब्लड प्रेशर

  • आइडियल ब्लड प्रेशर 120/80 mm Hg से कम होना चाहिए।
  • हाई ब्लड प्रेशर हार्ट डिजीज और स्ट्रोक का खतरा बढ़ा सकता है।
  • 80 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए, 140/90 mm Hg तक सामान्य माना जा सकता है, क्योंकि उम्र के साथ धमनियां कठोर हो जाती हैं।

अगर लेवल सामान्य न हो तो?

  • अगर ब्लड प्रेशर हाई है तो भोजन में नमक कम करें, नियमित एक्सरसाइज करें, स्ट्रेस मैनेज करें और डॉक्टर की सलाह से दवाइयां लें।
  • लो ब्लड प्रेशर यानी 90/60 mm Hg से कम है तो पर्याप्त पानी पिएं, डॉक्टर की सलाह से नमक का सेवन बढ़ाएं और अगर चक्कर या कमजोरी हो तो डॉक्टर से कंसल्ट करें।
  • संतुलित डाइट लें, जिसमें फल, सब्जियां और साबुत अनाज शामिल हों।
  • रोजाना 30 मिनट एक्सरसाइज करें।
  • धूम्रपान और शराब से बचें।
  • नियमित रूप से ब्लड प्रेशर मॉनिटर करें।

2. ब्लड शुगर

  • स्वस्थ व्यक्ति का A1C लेवल यानी HbA1c 5.7% से कम होना चाहिए।
  • हाई लेवल प्री-डायबिटीज या डायबिटीज का संकेत हो सकता है।
  • अगर लेवल 5.7% से 6.4% है तो प्री-डायबिटीज और 6.5% या इससे अधिक होने पर डायबिटीज का संकेत है।

अगर लेवल सामान्य न हो तो?

  • हाई लेवल है तो चीनी और रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट वाली डाइट बिल्कुल न लें, नियमित एक्सरसाइज करें और डॉक्टर की सलाह से दवाइयां लें।
  • लो लेवल है तो नियमित भोजन करें और अगर डायबिटीज की दवाइयां ले रहे हैं तो डॉक्टर से कंसल्ट करते रहें।
  • फाइबर से भरपूर चीजें खाएं- साबुत अनाज, फल और सब्जियां खाएं।
  • वजन नियंत्रित रखें।

3. हीमोग्लोबिन

  • पुरुषों के लिए इसका आइडियल लेवल 14.0-17.5 g/dL, महिलाओं के लिए 12.3-15.3 g/dL होता है।
  • इसका लो लेवल एनीमिया का संकेत हो सकता है।

अगर लेवल सामान्य न हो तो?

  • लो लेवल है तो आयरन, विटामिन B12 या फोलिक एसिड से भरपूर डाइट लें। डॉक्टर सप्लिमेंट्स या अन्य ट्रीटमेंट सुझा सकते हैं।
  • हाई लेवल है तो यह रेयर है, लेकिन धूम्रपान या बहुत ऊंचाई पर रहने से हो सकता है। डॉक्टर से कंसल्ट करें।

4. विटामिन D

  • स्वस्थ व्यक्ति में विटामिन D का आइडियल लेवल 20 ng/mL से अधिक होना चाहिए और आइडियली 30-50 ng/mL होना चाहिए।
  • इसकी कमी से हड्डियों में कमजोरी और इम्युनिटी संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।

अगर लेवल सामान्य न हो तो?

  • लो लेवल है तो सन लाइट में समय बिताएं, मछली और अंडे जैसी चीजें खाएं और डॉक्टर की सलाह से सप्लीमेंट्स लें।
  • हाई लेवल है तो अत्यधिक सप्लीमेंट्स से बचें और डॉक्टर से सलाह लें।

5. थायरॉइड-स्टिम्युलेटिंग हॉर्मोन (TSH)

  • इसका आइडियल लेवल 0.4-4.0 mIU/L होना चाहिए।
  • असामान्य लेवल थायरॉइड से जुड़ी समस्याओं का संकेत हो सकता है।

अगर लेवल सामान्य न हो तो?

  • हाई लेवल यानी हाइपोथायरॉइडिज्म है तो थायरॉइड हॉर्मोन दवाइयां लेने की जरूरत हो सकती है।
  • लो लेवल यानी हाइपरथायरॉइडिज्म है तो दवाइयां या अन्य ट्रीटमेंट की जरूरत हो सकती है।

6. कोलेस्ट्रॉल

  • स्वस्थ व्यक्ति का कुल कोलेस्ट्रॉल 200 mg/dL से कम होना चाहिए, LDL 100 mg/dL से कम होना चाहिए, HDL ≥60 mg/dL या इससे ज्यादा होना चाहिए, ट्राइग्लिसराइड्स <150 mg/dL से कम होना चाहिए।
  • हाई LDL हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ा सकता है।

अगर लेवल सामान्य न हो तो?

  • हाई LDL है तो सैचुरेटड फैट और ट्रांस फैट कम करें, फाइबर युक्त डाइट लें और एक्सरसाइज करें।
  • लो HDL है तो हेल्दी फैट, जैसे नट्स, मछली खाएं और नियमित एक्सरसाइज करें।

7. कमर की चौड़ाई

  • स्वस्थ व्यक्ति के कमर का आकार उसकी लंबाई के आधे से कम होना चाहिए।
  • कमर की ज्यादा चौड़ाई हार्ट डिजीज और डायबिटीज का खतरा बढ़ा सकती है।

अगर लेवल सामान्य न हो तो?

  • वजन कम करने के लिए संतुलित डाइट लें।
  • डॉक्टर या डाइटीशियन से सलाह लें।
  • रोजाना 30 मिनट एक्सरसाइज करें।

8. यूरिक एसिड

  • यह स्वस्थ पुरुषों के लिए 3.4-7.0 mg/dL, महिलाओं के लिए 2.4-6.0 mg/dL होना चाहिए।
  • इसका हाई लेवल गाउट और किडनी स्टोन का कारण बन सकता है।

अगर लेवल सामान्य न हो तो?

  • हाई लेवल है तो रेड मीट, शराब और हाई फ्रक्टोज वाली चीजें खाना कम करें।
  • लो लेवल रेयर है, लेकिन ऐसा हो तो डॉक्टर से सलाह लें।
  • पर्याप्त पानी पिएं।
  • नियमित ब्लड चेकअप करवाएं।

9. हार्ट रेट

  • आइडियल रेस्टिंग हार्ट रेट 60-100 बीट्स प्रति मिनट होनी चाहिए।
  • बहुत अधिक या कम हार्ट रेट स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकती है।

अगर लेवल सामान्य न हो तो?

  • हाई हार्ट रेट है तो तनाव या अन्य समस्याओं का संकेत हो सकता है।
  • लो हार्ट रेट है तो यह एथलीट्स में सामान्य हो सकता है, लेकिन अगर चक्कर आए तो डॉक्टर से सलाह लें।
  • नियमित एक्सरसाइज करें।
  • अपनी पल्स की जांच करते रहें।

10. कैल्शियम

  • इसका आइडियल लेवल 8.5-10.2 mg/dL होना चाहिए।
  • असामान्य लेवल हड्डियों और मांसपेशियों की समस्याओं का संकेत हो सकता है।

अगर लेवल सामान्य न हो तो?

  • हाई लेवल है तो अत्यधिक सप्लीमेंट्स से बचें और डॉक्टर से सलाह लें।
  • लो लेवल है तो डेयरी उत्पाद, हरी सब्जियां और सप्लीमेंट्स लें।

11. मेंस्ट्रुअल हेल्थ

  • आइडियल साइकल 28 दिन का होता है। यह 21-35 दिन का हो सकता है और ब्लीडिंग 3-7 दिन तक हो सकती है।
  • अनियमित साइकल हॉर्मोनल असंतुलन का संकेत हो सकता है।

अगर लेवल सामान्य न हो तो?

  • अनियमित साइकल या अत्यधिक दर्द होने पर डॉक्टर से सलाह लें।
  • हॉर्मोनल ट्रीटमेंट या लाइफस्टाइल में बदलाव की जरूरत हो सकती है।
  • हेल्दी डाइट लें और नियमित रूप से एक्सरसाइज करें।

……………………..

ये खबर भी पढ़ें

फिजिकल हेल्थ- मानसून का मौसम है बीमारियों का घर: बढ़ता बैक्टीरिया और वायरस इंफेक्शन का रिस्क, डॉक्टर से जानें बचाव के 15 उपाय

मानसून में बारिश की बूंदें गर्मी से राहत तो देती हैं, लेकिन यह अपने साथ कई हेल्थ प्रॉब्लम्स भी लेकर आती हैं। हवा में नमी और उमस फंगस और बैक्टीरिया जैसे सूक्ष्मजीवों के लिए अनुकूल वातावरण है। पूरी खबर पढ़िए…

खबरें और भी हैं…

.

Source link

Share me..

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *