सतना के पोड़ी गरादा गांव के मामले ने अधिकारियों को असमंजस में डाल दिया है। यहां एक महिला ने पहले दहेज प्रताड़ना का केस कर अपने पति से तलाक ले लिया। लेकिन पति के मरने पर सरकारी की ओर से दिए जाने वाले संबल योजना का लाभ लेने के लिए अपना दावा कर दिया। यहां तक की सीएम हेल्पलाइन में शिकायत भी दर्ज करवा दी।
By Roman Tiwari
Publish Date: Thu, 17 Jul 2025 02:14:57 PM (IST)
Updated Date: Thu, 17 Jul 2025 02:33:12 PM (IST)
नईदुनिया प्रतिनिधि, सतना: जिले के उचेहरा विकासखंड अंतर्गत पोड़ी गरादा गांव से एक अजब-गजब मामला सामने आया है, जिसने प्रशासन को भी चकरा दिया है। पति के जीवित रहते हुए पत्नी उससे अलग हो गई, पति पर दहेज प्रताड़ना का केस दर्ज करवाया। पति की मौत के बाद सरकारी योजना का लाभ लेने के लिए अपना दावा ठोक दिया।
यह कहानी है एक महिला की, जिसने अपने पति के जीवित रहते हुए उससे अलग होने के लिए और साथ छोड़ने के लिए उसके खिलाफ दहेज प्रताड़ना का केस दर्ज करवाया। पति से तलाक ले लिया। यहां तक कि पति से अलग होते समय उपहार और शादी में मिला अन्य सामान भी अपने साथ ले गई। लेकिन पति की मौत होते ही पत्नी ने सम्बल योजना का हितलाभ पाने के लिए अपना दावा ठोक दिया।
यह मामला तब और पेचीदा हो गया जब महिला ने पति की मां को हितलाभ न मिल सके, इसके लिए सीएम हेल्पलाइन में शिकायत भी दर्ज करवा दी। लेकिन जब जनपद के अधिकारियों ने दस्तावेज खंगाले तब महिला की वास्तविक तस्वीर सामने निकलकर आई।
अब अधिकारी भी उलझन में…
अब अधिकारी भी उलझन में हैं कि असली हितलाभ किसे दिया जाए। स्थानीय पटवारी व सचिव स्तर से जांच शुरू हो गई है, लेकिन मामला अब उच्च अधिकारियों तक पहुंच गया है। जिस पर मार्गदर्शन मांगा गया है कि यदि महिला ने वैवाहिक जीवन से खुद किनारा कर लिया था, तो क्या उसे मृत पति के सरकारी लाभों का हक मिल सकता है?
इस पूरे घटनाक्रम ने संबल योजना के क्रियान्वयन पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। जहां दस्तावेज और असल जीवन की स्थिति में भारी अंतर देखने को मिला है।
अब देखना है कि प्रशासन इस जटिल सामाजिक और दस्तावेजी पेच को कैसे सुलझाता है और संबल योजना का असली लाभ किसे देता है। उस मां को जिसने बेटे को पाला, या उस पत्नी को जो कागजों में कहीं नहीं, पर दावा करने में आगे है।
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दस्तावेजों में नहीं कहीं पत्नी का नाम
जांच के दौरान यह बात सामने आई कि मृतक के किसी भी दस्तावेजों में उसकी पत्नी का नाम दर्ज नहीं है। जिसमें पति की परिवार आईडी में पत्नी का नाम नहीं, समग्र आईडी में केवल मां का नाम, पत्नी का जिक्र नहीं है। यहां तक ससुराल की वोटर लिस्ट में भी महिला का नाम नहीं है।
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