जरूरत की खबर- मानसून में नाखूनों का रखें खास ख्याल: बढ़ता फंगल इन्फेक्शन और टूटने का रिस्क, डर्मेटोलॉजिस्ट से जानें नेल केयर टिप्स

3 दिन पहलेलेखक: शिवाकान्त शुक्ल

  • कॉपी लिंक

बारिश का मौसम भले ही अपने साथ ठंडी हवा और ताजगी लेकर आता है। लेकिन यह स्किन और नाखूनों के लिए कई नई चुनौतियां भी साथ लाता है।

खासतौर पर नाखूनों पर इसका असर साफ दिखाई देता है। लगातार नमी के संपर्क में रहने से वे कमजोर, नरम और बदरंग होने लगते हैं। कई बार नाखूनों में फंगल इन्फेक्शन, सड़न, दर्द और जलन जैसी समस्याएं भी देखने को मिलती हैं।

‘यूनिवर्सिटी ऑफ मैनचेस्टर’ की एक स्टडी के मुताबिक, ज्यादा नमी के कारण नाखून लचीले हो जाते हैं, जिससे वे जल्दी टूटने लगते हैं। ऐसे में जरूरी है कि इस मौसम में नाखूनों की खास देखभाल की जाए, ताकि वे स्वस्थ, मजबूत और साफ-सुथरे बने रहें।

तो चलिए, आज जरूरत की खबर में हम मानसून नेल केयर टिप्स के बारे में बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि-

  • मानसून में नाखूनों की खास देखभाल क्यों जरूरी है?
  • इस दौरान नाखूनों में किस तरह की समस्याएं हो सकती हैं?

एक्सपर्ट: डॉ. प्रतीक्षा जैन, एसोसिएट कंसल्टेंट कॉस्मेटोलॉजिस्ट, स्पर्श हॉस्पिटल, बेंगलुरु

सवाल- बारिश के मौसम में नाखूनों की देखभाल क्यों जरूरी हो जाती है?

जवाब- इस दौरान हवा में नमी बढ़ने से नाखूनों के आसपास फंगल इन्फेक्शन का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। नम वातावरण में फंगस तेजी से पनपते हैं, जिससे नाखून पीले या भूरे रंग के होने लगते हैं, मोटे हो जाते हैं और आसानी से टूटने लगते हैं। मेडिसिन की भाषा में इसे ओनिकोमाइकोसिस (Onychomycosis) कहा जाता है।

सवाल- नमी नाखूनों को कैसे नुकसान पहुंचाती है?

जवाब- ज्यादा नमी के कारण नाखून मुलायम हो जाते हैं और उनकी ग्रोथ अनियमित हो सकती है। कई बार नाखून स्किन के अंदर की ओर बढ़ने लगते हैं, जिसे इनग्रोन नेल (Ingrown Nail) कहा जाता है। यह स्थिति काफी तकलीफदेह हो सकती है और इसके कारण नाखून के आसपास दर्द, सूजन और जलन जैसी समस्याएं पैदा हो सकती हैं।

सवाल- बारिश के मौसम में नाखूनों में किस तरह की समस्याएं हो सकती हैं?

जवाब- लंबे समय तक नमी या पानी के संपर्क में रहने से बारिश में नाखूनों में कई तरह की प्रॉब्लम्स हो सकती हैं। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए-

सवाल- बारिश में नाखूनों की देखभाल के लिए क्या खास सावधानियां बरतनी चाहिए?

जवाब- मानसून में नमी और गंदगी की वजह से नाखूनों में फंगल इन्फेक्शन, सड़न और बदबू जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं। इसलिए इस मौसम में नाखूनों की सफाई और सुरक्षा पर खास ध्यान देना जरूरी है। सही देखभाल से न केवल नाखून स्वस्थ रहेंगे, बल्कि आप संभावित इन्फेक्शन से भी बच पाएंगे। नीचे दिए ग्राफिक से मानसून में नाखूनों की केयर के 10 आसान टिप्स समझिए-

आइए, अब इन पॉइंट्स को विस्तार से समझते हैं।

नाखूनों को सूखा और साफ रखें

नाखूनों में मौजूद नमी बैक्टीरिया और फंगस के पनपने का कारण बनती है, जिससे इन्फेक्शन हो सकता है। इसलिए हमेशा पानी के संपर्क में आने के बाद अपने हाथों और पैरों को अच्छी तरह सुखाएं। अपनी हाथ और पैर की उंगलियों के बीच के हिस्से पर खास ध्यान दें। नाखूनों को पोंछने के लिए हमेशा सूती कपड़े का इस्तेमाल करें।

नियमित रूप से मॉइश्चराइज करें

नाखूनों को सूखा रखना जितना जरूरी है, उतना ही उन्हें मॉइश्चराइज करना भी। मानसून की हवा कभी-कभी नाखूनों को ड्राई और कमजोर बना सकती है। नाखूनों और क्यूटिकल को मॉइश्चराइज रखने के लिए अच्छी क्वालिटी का क्यूटिकल ऑयल या हाइड्रेटिंग हैंड क्रीम का इस्तेमाल करें। हर रात सोने से पहले मॉइश्चराइजर को अपने नाखूनों और क्यूटिकल में मालिश करें।

नाखूनों को ट्रिम करें

छोटे नाखूनों की टूटने की संभावना कम होती है और उन्हें साफ व सूखा रखना भी आसान होता है। नाखूनों को नियमित रूप से ट्रिम करें। यह न केवल नाखूनों के नीचे गंदगी जमा होने से रोकता है बल्कि फंगल इन्फेक्शन के जोखिम को भी कम करता है।

एंटीफंगल पाउडर इस्तेमाल करें

अगर आप अक्सर बारिश में चलते हैं तो फंगल इन्फेक्शन से बचने के लिए एंटीफंगल पाउडर का इस्तेमाल करें। पैरों को अच्छी तरह सुखाने के बाद उसे उंगलियों के बीच छिड़कें। यह तब और भी जरूरी हो जाता है, जब आप अक्सर जूते पहनते हैं।

आर्टिफिशियल नाखूनों से बचें

बहुत से लोगों को ऐक्रेलिक और जेल नाखूनों का ग्लैम पसंद है। लेकिन ज्यादा नमी के कारण आर्टिफिशियल नाखून और नेचुरल नाखून के बीच नमी फंस सकती है। इससे फंगल इन्फेक्शन हो सकता है। ऐसे में इस मौसम में आर्टिफिशियल नाखून से बचना ही बेहतर है।

ऐसे जूते पहनें, जिनसे हवा पास हो सके

बंद जूते नमी को रोक सकते हैं, जिससे फंगल इन्फेक्शन का खतरा बढ़ता है। जब भी संभव हो सैंडल या फ्लिप-फ्लॉप जैसे ब्रीथेबल (Breathable) शूज पहनें। अगर बंद जूते पहनने की जरूरत है तो ब्रीथेबल मटेरियल वाले शूज चुनें और अपने पैरों को सूखा रखने के लिए नियमित रूप से मोजे बदलें। साथ ही हमेशा सूती मोजे पहनें।

संतुलित डाइट बनाए रखें

हेल्दी नाखून अंदर से शुरू होते हैं। इसके लिए हेल्दी डाइट लेना जरूरी है। नाखूनों को हेल्दी बनाए रखने के लिए अपनी डाइट में बायोटिन से भरपूर फूड्स जैसे अंडे, नट्स और हरी पत्तेदार सब्जियां शामिल करें। साथ ही अपने नाखूनों को अंदर से हाइड्रेटेड रखने के लिए खूब पानी पिएं।

सवाल- मानसून में कितने दिनों पर नाखून काटने चाहिए?

जवाब- कॉस्मेटोलॉजिस्ट डॉ. प्रतीक्षा जैन बताती हैं कि हर 7–10 दिन में नाखून काटें ताकि गंदगी और बैक्टीरिया जमा न हों। छोटे नाखून फंगल इन्फेक्शन से बचाते हैं और सफाई में भी आसान रहते हैं।

सवाल- क्या बरसात में नेलपॉलिश लगाना नुकसानदायक है?

जवाब- हां, अगर नेलपॉलिश में हार्श केमिकल्स हैं तो वे नाखूनों को कमजोर कर सकते हैं। अगर लगाना ही है तो बेहतर है कि मानसून में टॉक्सिन-फ्री या ब्रीथेबल नेलपॉलिश का इस्तेमाल करें।

सवाल- बारिश में अगर नाखूनों से बदबू आने लगे तो क्या करें?

जवाब- यह सड़न या फंगल इन्फेक्शन का संकेत है। नाखूनों को अच्छी तरह धोकर सुखाएं, एंटी-फंगल क्रीम लगाएं और जरूरत पड़े तो डॉक्टर से संपर्क करें।

………………

जरूरत की ये खबर भी पढ़िए

जरूरत की खबर- कहीं आप मानसून-ब्लूज का शिकार तो नहीं: इन 6 कारणों से बढ़ता रिस्क, बचाव के लिए इन 8 बातों का रखें ध्यान ध्यान

बारिश के इसी लंबे और बंद माहौल में कई लोग थकान, चिड़चिड़ापन, बेवजह की उदासी या अकेलेपन जैसी भावनाओं का अनुभव करने लगते हैं। इस मानसिक स्थिति को ‘मानसून ब्लूज’ कहा जाता है। पूरी खबर पढ़िए…

खबरें और भी हैं…

.

Source link

Share me..

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *